इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला सामने आया है। यहां गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा को केवल इसलिए तोड़ दिया गया, क्योंकि कुछ लोगों ने उसे गैर इस्लामिक बताया था। इस मूर्ति को मरदान जिले के तख्त भाई क्षेत्र में एक मकान के अंदर खुदाई के दौरान पाया गया। पहले तो वहां मौजूद लोगों ने उसे गैर इस्लामिक बताया फिर उनके कहने पर वहां काम कर रहे मजदूर ने उसे हथौड़ों से तोड़ दिया।
Pakistani fundamentalists broke Lord Buddha’s statue in excavation
मजदूरों के मूर्ति को तोड़ने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस क्षेत्र में इस घर का निर्माण कार्य चल रहा था, वह प्राचीन गांधार सभ्यता का हिस्सा है।
ईसा के 200 साल पहले इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म बहुत लोकप्रिय था।
माना जा रहा है कि यह मूर्ति भी उसी समय के आसपास की थी।
इस मामले की जानकारी मिलने पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि वे इस मामले में जो भी जरूरी कार्रवाई होगी, उसे करेंगे।
वहीं पाकिस्तान पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमें भी इस घटना का पता चला है। इस मामले को हमारी टीम देख रही है।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान में एक हिंदू समुदाय से आने वाले एक मंत्री ने खैबर पख्तुनवा विधानसभा में शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के निर्माण के लिए अल्पसंख्यक समुदाय का स्वागत करेगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने इस कृष्ण मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ की राशि की मंजूरी पहले ही दे चुकी है।
पाकिस्तान सरकार के एच-9 एडमिनिस्ट्रेशन डिविजन ने पहली बार किसी हिंदू मंदिर निर्माण के 20,000 स्केवयर फीट की जमीन आवंटन की है। इस्लामाबाद में बनने वाला यह पहला हिंदू मंदिर होगा।
खैबर पख्तुनवा विधानसभा में बोलते हुए एमपीए रवि कुमार ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों को बराबरी कानूनी दर्जा है और वे शांतिपूर्ण तरीके से परस्परता के भाव के साथ यहां के बहुसंख्यक आबादी के साथ रह रही है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करेंगे कि यह निर्माण पाकिस्तान के कानून और संविधान के हिसाब से हो।